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Showing posts from November, 2018

गाजा तूफान से फसल बर्बाद, 1 हफ्ते में 3 किसानों ने दी जान

बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात तूफान का असर अब धीरे-धीरे खत्म होने लगा है. लेकिन यह तूफान अपने पीछे तबाही का मंजर छोड़ गया है. इस तूफान ने तमिलनाडु में हजारों हेक्टयर जमीन पर लगी फसल तबाह हो गई है. इसे लेकर किसान परेशान है. ये तबाही इतनी बड़ी है कि पिछले एक सप्ताह में तीन किसान खुदकुशी कर चुके हैं. नारियल की खेती को नुकसान शनिवार को तमिलनाडु के पुड्डुकोत्तई जिले में 45 साल के किसान ने अपनी जान दे दी. स्थानीय मीडिया के अनुसार, तिरुचेलवम नारियल की खेती करते थे और उनकी करीब 25 एकड़ जमीन बर्बाद हो गई. यही कारण रहा कि उन्होंने अपनी जान दे दी. ये हाल तमिलनाडु के सिर्फ एक जिले का नहीं बल्कि कई क्षेत्रों का है. गाजा तूफान से करीब 5 एकड़ जमीन बर्बाद होने के बाद 58 साल के सुंदरराज ने 22 नवंबर को जहर खाकर अपनी जान दे दी थी. 'मिला सिर्फ 1700 मुआवजा' सुंदरराज की एक बेटी भी है, उनके मुताबिक 21 तारीख को वह घर से निकले तो कभी लौ टे ही नहीं. बाद में उन्हें सुसाइड की खबर मिली. परिवार वालों ने शिकायत की है कि राज्य सरकार की ओर से जो मुआवजा दिया गया है, वह काफी कम है. उन्हें सिर्फ 1700

मनुस्मृति को लेकर अक्सर क्यों विवाद खड़ा हो जाता है?

"एक लड़की हमेशा अपने पिता के संरक्षण में रहनी चाहिए, शादी के बाद पति उसका संरक्षक होना चाहिए, पति की मौत के बाद उसे अपने बच्चों की दया पर निर्भर रहना चाहिए, किसी भी स्थिति में एक महिला आज़ाद नहीं हो सकती." मनुस्मृति के पांचवें अध्याय के 148वें श्लोक में ये बात लिखी है. ये महिलाओं के बारे में मनुस्मृति की राय साफ़ तौर पर बताती है. मनुस्मृति में दलितों और महिलाओं के बारे में कई ऐसे श्लोक हैं जिनकी वजह से अक्सर विवादों का जन्म होता है. पिछले दिनों महाराष्ट्र के राजनेता छगन भुजबल को अज्ञात व्यक्ति का पत्र मिला जिसमें लिखा था, "मनुस्मृति के बारे में मत बोलो नहीं तो तुम्हारा दाभोलकर जैसा हाल होगा." बीबीसी मराठी सेवा से बात करते हुए भुजबल ने कहा, "मैं इन पत्रों को गंभीरता से नहीं लेता हूं. मैं ऐसी धमकियों की वजह से अपना काम बंद करने नहीं जा रहा हूं. बाबा साहेब आंबेडकर ने मनुस्मृति को जलाकर इस देश को संविधान दिया है जो कि सभी लोगों के बराबरी का अधिकार देता है. अगर मनुस्मृति उन विचारों को वापस लेकर आ रही है जिनकी वजह से हमें हज़ारों सालों तक शोषण झेलना पड़ा तो